जीजा साली की मजेदार कहानी -8- Jija Sali Sex Stories
मैने मीनू की गान्ड से आपने दोनो हाथ हटा दिए, मीनू क हाथ मेरे चेहरे पर तहे, और उसका ध्यान मुझे स्मूच करने में तहा, उसका, मीनू का पूरा लोड मेरे उन दो हाथो पर तहा, जैसे ही मैने आपने हाथ हटाए, इस से पहले की मीनू खुद को संभाल पाती, एक क बाद एक दो तेज़ आवाज़ें आई.
पहली आवाज़ आई –“फूतचह”Jija Sali Sex Stories
और उसके बाद मीनू के चीख-“आआआआआईयाीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई”
जैसे ही मैने मीनू की गान्ड से आपने हाथ हटाए, मीनू का सारा वज़न उसकी चुत से होता हुआ मेरे लंड पर आया और मेरा लंड जो की अब तक उसकी छ्होट के छेद में हल्का सा ही घुस पाया तहा, उसकी चुत की झिल्ली फाड़ता हुआ, उसकी सील तोड़ता हुआ, फूतचह की आवाज़ क साथ आधा से ज़्यादा मीनू की चुत में घुस चक्का तहा…
फूतचह….की आवाज़ के साथ मेरा आधे से ज़्यादा लंड मीनू की चुत में उतार चक्का तहा…
Jija Sali Sex Stories
“आऐईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई”…चीख क ए साथ मीनू की चुत फट चुकी था ही और वो अब दर्द से च्चत-पता रही था ही. गरम लोहे की तरह तापटा मेरा लंड मीनू की कमसिन कौरी चुत को फाड़ता हुआ उसके अंदर तक पहुच गया तहा. उस-ए देख कर ऐसा लग रहा तहा की किसी ने उस की चुत में खौलता हुआ पानी डाल दिया हो. दर्द क मारे उसकी आँखो से लगातार आँसू बह रहे तहे और आँखें पूरी तरह खुल नही पा रही था ही,दर्द क मारे रोटी हुई वो जल्दी जल्दी साँसे लेते हुए चीखने लगी-“आआआअहह जीईए…जु मैं…. आआआआआः मेरी चूओत जल रही है…. आआआआआअहह जीए….जुउुउउ ….. मैं…. मार जवँगी… ऊऊहह…..जीए…जुउुउ….प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़”
उस-ए दर्द से बिलखता देख मुझे पता चल गया तहा की उसकी कौरी चुत फटत चुकी है…उसकी सील टूट चुकी है…ऐसे में उस-ए संभालना बहुत ज़रूरी तहा नही तो आयेज की सारी चुदाई ठंडी प़ड़ जाती…
मैने उस-ए आपनी बाहो में भर लिया और उसके बालो में हाथ फेराते हुए उस-ए किस करने लगा…किस करते करते बोला-“सॉरी यार वो अचानक मेरा बॅलेन्स बिगड़ा….और हाथ…तेरी गान्ड से हट गये और ये सब हो गया…पर अब…बॅस थोड़ी सी देर दर्द होगा..बॅस थोड़ा सा पाईं…”
मीनू-“नही जीजू, मैं—-ये दर्द—- नही—-झेल पौँगी.”
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मैं लगातार उस-ए करेस कर रहा था. मीनू को लगा की उसकी चुत फट चुकी है, वो आपना हाथ नीचे ले गयी. बह रहे आँसुओ और आधी खुली हुई आँखो से उस-ए कुछ सॉफ सॉफ नही दिखाई दे रहा तहा, वो देखना चाहती था ही की आख़िर हुआ क्या है, उसके दोनो हाथ जो अब तक मेरे चेहरे पर तहे, नीचे जा चुके तहे, वो आपनी चुत को सहलाने लगी और चुत पर कुच्छ टटोल-ते हुए फेरने लगी, और उसका हाथ मेरे लंड क उस हिस्से पर जा पहुचा जो अभी तक उसकी चुत से बाहर था.
मीनू मेरे लंड को पहले मूह में ले कर चूस चुकी था ही और उस-ए लंड की लंभाई का कुछ कुछ अंदाज़ा हो चक्का तहा. एक बार उस-ने मेरे लंड पर हाथ फेरा और उस-ए पता चल गया की लंड कितना अंदर जा चक्का है.
वो दर्द से कराहते हुए बोली-“जीजू…आआआअहह…. मुझसे ये दर्द आआअहह….सहन नही हो रहा…प्लज़्ज़्ज़्ज़ इस-ए …आआहह….बाहर निकाल दो…आप कहोगे तो मैं…ह्म्म्म्मम….मैं… आपने मूह में वापस ले लूँगी…पर प्लज़्ज़्ज़्ज़ मेरी चुत से …ओह… इस-ए बाहर निकालो….” कहते हुए वो लंड को बाहर निकाले की कोशिश करने लगी.
सेक्स की आग मेरे अंदर भी भड़क रही था ही और साँसे तेज़ था ही…मैं भी मोनिंग आहें भर रहा थाअ….अभी तक उस-ए किस करते करते उस का रोना चुप कराने की कोशिश कर रहा तहा, अब मैं मेरा हाथ उसकी चुत पर ले गया और धीरे धीरे चुत सहलाता हुआ बोला-“तुम्हे पाईं हो, आअहह… ऐसा काम मुझे नही करना…रूको, आअहह…मैं….. बाहर निकालने की कोशिश कराता हूँ…”
सच तो ये तहा की पहले तो उसकी कौरी टाइट चुत में मेरे लंड की फर्स्ट एंट्री, एक झटके में मीनू की चुत मेरे लंड पर चढ़ गयी था ही और उस पर दर्द में उस के चेट-पटाने अब मुझे भी हल्का हल्का दर्द होने लगा तहा…एक बार के लिए मैं भी लंड बाहर निकालना चाहता तहा पर मुझे पता था की अगर एक बार लंड उसकी चुत से बाहर आ गया तो मीनू वापस उस-ए अंदर नही जाने देगी…
वो मेरी गोद में था ही और उसकी टांगे चौड़ी हो न्यू एअर त्ीी. मैने उसकी गान्ड और मेरी जाँघो क बीच थोड़ी सी जगह बनाई और आपने दोनो हाथ घुसा दिए. उस-ए बोला-“मीनू थोड़ा सा ती भी ज़ोर लगा, शायद बाहर आ जाए” कहते हुए उस-ए उस-की गान्ड क नीचे से उपर उतने की कोशिश की, मीनू की हालत पहले ही बुरी त्ीी फिर भी उस-ने थोड़ा सा ज़ोर लगाया, हल्का सा मूव्मेंट हुआ..और लंड उसकी चुत में थोड़ा सा हिला पर वो आधा के करीब चुत में अंदर घुस चक्का तहा और वो बाहर नही आया, बल्कि ऐसा करने में मीनू का दर्द और बढ़ गया…वो दर्द से और बिलखने लगी…
मैने एक बार और वही कोशिश की पर लंड बाहर तो नही निकला पर मीनू का बिलखना और बढ़ गया.. “मैं …नही बचूंगी..मार गयी मैं….ओह जी…जु प्लीज़ मुझे… बचा लो…प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़….” कहते हुए वो और तेज़ रोने लगी…
मुझसे अब रहा नही जा रहा तहा, मैं बोला-“मीनू… आआहह …हालत तो मेरी भी …बुरी है…ओह….पर हुँने…आअहह कोशिश की ना…. आअहह पर शायद ये …ऑश…बीच में कही…फ़ासस गया है…”
मीनू को जैसे शॉक लगा, वो घबराते हुए बोली-“फ़ासस गया है….बोले तो…”
“जैसे कुत्टो का फस्टा है…नहिी…इसका मतलब अब हूमें…आअहह…कोई और …आआहह…कोई और आकर आपके लंड को…ऑश…मेरी चुत से …आआअहह अलग करेगा…नही जीएज़ू…ऐसा नही हो सकता…हूमें किसी ने इस हालत में देखा…तो वो…ऑश…मेरा तो रेप ही कर देगा…ऑश…नही जीजू…प्लज़्ज़्ज़ कुच्छ करो…कुच्छ भी करो….प्लज़्ज़्ज़….अयाया”
मैं बस यही सुन ना चाहता था, मैं बोला-“एक तरीका है,आअहह… पर उस में थोड़ा सा…आआहह….दर्द और होगा…”
मीनू-“जीजू कुच्छ भी आआहह करो आआहह पर इस-ए एक बार बाहर निकाल दो…ऑश”
मैं-“सोच लो…”
मीनू-“सोचने की शक्ति नही है जीजू…आहह….मेरा दिमाग़ सारा मेरी चुत पर है…उफफफफफफ्फ़….प्लज़्ज़्ज़ कुच्छ भी करो”
मैं-“एक बार ये पूरा लंड …आआहह… अंदर डालने की कोशिश करनी होगी…आहह”
मीनू की आँखें जैसे फट के बाहर निकालने लगी, वो बोली-“पूऊरा लंड…आआप को पता है…आअहह..आआप क्या कह रहे हो…ओह…अभी आधा लंड गया है तो उसमें ये हालत है….आआहह..पूरा गया तो मेरा दूम्म्म ही निकल जाएगा…आअहह.. नही जीजू नही…अब और नही”
मैं-“और कोई रातसा नही है…मीनू…या तो फिर मैं फोन करके …मेरे किसी फ्रेंड को बुला लेता हूँ…वो ही हूमें अलग…”
मेरी बात पूरी होती उस से पहले मीनू बोल उठी-“मैने कहा ना जीजू…आअहह…ऐसी हालत में मैं किसी और क सामने…ऑश…नही जा सकती…और किसी लड़के क सामने तो बिल्कुल भी नही…आअहह…आप ही कुच्छ करो…ऑश”
मैं बोला-“तो फिर ठीक है. तुम तय्यार रहो, मैं एक बार पूरा अंदर डालने की कोशिश कराता हूँ…आअहह…फिर धीरे धीरे…आअहह…थोड़ा थोड़ा…आयेज पीछे करते हुए…इस-ए निकाल लूँगा…ठीक है…”
मीनू-“कुच्छ भी करो…आअहह…पर प्लीज़ जल्दी करो…मैं…अया मार रही हूँ..ऑश”
मीनू मेरी गोद में ही थी..मैने उस-ए खुद के जिस्म को ढीला छोड़ते हुए आयेज झुकने क लिए कहा. अब मीनू खुद के जिस्म को ढीला छोड़ती हुई मुझ पर पूरी झुक चुकी त्ीी और उसका चेहरा मेरे कंधे पर तहा, अब जो होने वाला तहा उस से दर के मीनू ने आपनी आँखें बंद कर ली था ही. मैने उस-ए एक बार हग किया, और…
और फिर आपने हाथ उसकी कमर पर कुच्छ इस तरह कस के पकड़ लिए की वो बिना मेरी मर्ज़ी के हिल भी ना पाए. मैं आपना विन्निंग स्ट्रोक लगाने के लिए तैयार तहा. अभी तक मेरा लंड लगभग आधी लंभाई तक उसकी चुत में घुसा हुआ तहा. मैने आपनी बॉडी का पूरा लोड मेरे पैरो पर लिया, मेरी गान्ड को ज़मीन से उपर हवा में ले जाते हुए एक बार हल्का सा पीछे लिया जिस से की लंड चुत में थोड़ा सा बाहर की तरफ निकला, मीनू को भी उसकी छ्होट में महसूस हो गया की लंड हल्का सा बाहर निकल रहा है..उस ने पहली बार कुछ राहत की साँस ली…पर ये राहत ज़्यादा देर की नही था ही…
हल्का सा आपनी गान्ड को पीछे एक बार पीछे ले जा कर मैने आयेज उपर की तरफ एक तेज़ झटका दिया और यूयेसेस झटके के साथ फिर से एक “फूतचह” की आवाज़ हुई और मेरा लंड उसकी चुत की दीवारो को चीराता हुआ अंदर तक पहुच गया. मीनू की एक बार फिर एक तेज़ चीख निकल गयी-“आआआआआआआआआआआआआअहह”
मीनू फिर तेज़ तेज़ ससंसे केते हुए बिलखने लगती है-“मार गयी जीजू…मैं मार गयी…आआआअहह….. मैं…..आआहह….नही…. मैं …..आहह… जी…जुऊ…”
मैं-“बॅस मीनू बॅस…थोड़ा सा और बाकी है… बस थोड़ा सा..और…”
मीनू एक बार मेरी गार्डेन से आपना चेहरा हाता कर मेरी तरफ देखती है और चौंक्ति हुई बोलती है-“अभी और बाकी है…नही..जीजू…आपका लंड है य्ाआ….आअहह…दर्द से मेरी चुत जल रही है…आअहह…अब और नही जीजू…प्लीज़….”
जीजा साली की मजेदार कहानी -8- Jija Sali Sex Stories
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